अमिताभ पाण्डेय
प्रकृति ने हर जीव को अपनी रक्षा करने की अद्भुत क्षमता दी है। चाहे जीव हो या फिर पेड़, पौधे हों।  किसी ने किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया है।

मनुष्य के शरीर में  रोगों से लड़ने की क्षमता है।  हमारा शरीर निरंतर कई प्रकार के वायरस से लड़ता रहता है। यह रोग प्रतिरक्षा क्षमता जन्म से मिलती है। हाल में हम कोरोना वायरस का प्रहार और प्रसार देख रहे हैं। अब हमारी आँखें खुल जाना चाहिए कि हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत रहना कितना जरुरी है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि कोरोना वायरस उसी शरीर को कमजोर करता है जिसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। मज़बूत रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले शरीर को यह सिर्फ छूकर निकल जाता है।

अब यह स्पष्ट हो गया है कि जब तक कोरोना वायरस को मारने वाली वेक्सीन तैयार नहीं होती हमें अपनी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाने पर ध्यान देना होगा, चाहे फिर हम किसी भी आयु वर्ग के हो। इस तथ्य के मद्देनजर ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने  प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम में सभी चिकित्सा पद्धतियों का एक साथ उपयोग करने की रणनीति अपनाई। कोरोना के फैलाव को देखते हुए यह जरुरी हो गया था। सभी पद्धतियों की अपनी विशेषताएँ हैं और अपनी सीमाएँ। तुरंत उपचार के लिए एलोपैथी, स्वस्थ बने रहने के लिए आयुर्वेद, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा, समूल रोग नष्ट करने के लिए होम्योपैथिक। हमें गर्व है कि हमारे पास "चरक संहिता" और "सुश्रुत संहिता" जैसे आदि ग्रन्थ है।

क्या है रोग प्रतिरोधक क्षमता?

प्रतिरक्षा प्रणाली  किसी जीव के भीतर होने वाली उन जैविक प्रक्रियाओं का एक संग्रह है,जो रोगजनकों और  कोशिकाओं को पहले पहचान और फिर मार कर उस जीव की रोगों से रक्षा करती है। यह विषाणुओं  की पहचान करने में सक्षम होती है। रोगजनकों की पहचान करना एक जटिल कार्य है क्योंकि रोगजनकों का रूपांतर बहुत तेजी से होता है। शरीर की प्रतिरक्षा-प्रणाली में खराबी आने से वायरस प्रवेश कर जाते हैं।

वैज्ञानिक लगातार अनुसंधान कर रहे हैं। उम्मीद है कि कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी को पूरी तरह खत्म करने की दवा जल्द ही तैयार हो जायेगी।

मध्यप्रदेश  में सुनियोजित कार्ययोजना बनाकर प्रभावी तरीके से लागू कर दिये जाने के कारण कोरोना को काबू करने में आसानी हो गई।

कोरोना संक्रमण से बचाव, रोकथाम के लिए भारत सरकार ने जो दिशा-निर्देश जारी किये, मध्यप्रदेश में उसका पूरी तरह सतर्कता, सजगता के साथ पालन किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में सरकार कोरोना को काबू में रखने के लिए एक साथ बहुत से काम कर रही है।

राज्य सरकार ने जहाँ एक ओर लॉकडाउन के नियमों का कड़ाई से पालन कराया वहीं लोगों को इस बीमारी से बचाने के लिए घर-घर होम्योपैथी, आयुर्वेदिक, यूनानी दवाइयों का मुफ्त वितरण करवाया जा रहा है। इन दवाइयों का सेवन करने से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।  घर-घर जाकर रोक प्रतिरोधक दवाइयाँ, आयुर्वेदिक काढ़े का वितरण हो रहा है। आयुष चिकित्सक, पैरामेडिकल, आयुष चिकित्सा से जुड़े छात्रों के दल इस काम में दिन-रात जुटे हैं। अब तक मध्यप्रदेश के गाँव, शहर, महानगर, मजरे, टोलों में रहने वाले 40 लाख से अधिक परिवारों को  रोग प्रतिरोधक औषधियों का वितरण किया जा चुका है।

महिलाओं, पुरूषों, बच्चों, बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए 48 लाख 63 हजार लोगों को आयुर्वेदिक दवाइयाँ, 45 लाख 11 हजार लोगों की होम्योपैथी दवाइयाँ और 3 लाख 21 हजार से अधिक नागरिकों को यूनानी दवाइयाँ वितरित की जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के योद्धा लगातार कर रहे हैं। नागरिकों का भरपूर सहयोग मिल रहा है।  कोरोना से बचाव के लिए घर-घर जाकर प्रतिरोधक दवा वितरण की पहल  अन्य राज्यों के लिये अनुकरणीय बन गयी है।

अब मध्यप्रदेश में गाँव-शहरों में रहने वाले परिवारों को त्रिकूट चूर्ण के एक करोड़ से अधिक पैकेट मुफ्त वितरित किये जायेंगे। इस चूर्ण को पानी में उबालकर जो काढ़ा तैयार होगा उसका सेवन स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभदायक है। इससे कोरोना संक्रमण को रोकने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि की संभावना बढ़ जाती है।

कोरोना संक्रमण और अन्य वायरस संक्रमण  से बचने के लिए सबसे बेहतर उपाय घर में ही  है। लॉक डाउन के नियमों का पूरी तरह पालन करना है।  घर में रहे,  दूरी  बनायें रखें, सेनिटाईजर से बार-बार हाथ धोयें, मास्क का उपयोग करें । यही प्रभावी तरीके हैं।

मध्यप्रदेश  कोरोना पर काबू पाने में  सफल होगा।  अनेक कोरोना पाजिटिव लोग इस लड़ाई को सफलतापूर्वक लड़कर जीतने के बाद अपने घर लौट आये हैं। सरकार की सक्रियता के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। समाज के विभिन्न वर्गों का सराहनीय सहयोग लगातार मिल रहा है। शासन और समाज के बेहतर समन्वय से कोरोना की लड़ाई जीत में बदलती दिख रही है। जल्दी ही कोरोना से मुक्ति मिल जायेगी। याद रहेगी नागरिकों और सरकार की संयुक्त जंग और विजय।

Source : अमिताभ पाण्डेय